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2008 की जनगणना सूची में नाम होने के बाद भी बीपीएल कार्ड धारी के बीपीएल कार्ड को निरस्त किया जा रहा है .


रायपुर - पूर्व संसदीय सचिव एवं छाया सांसद रायपुर लोकसभा विकास उपाध्याय ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश से लगातार शिकायत आ रही है कि केवाईसी के नाम पर परिवारों के राशन में कटौती की जा रही है जैसे कि किसी परिवार में अगर पांच मेंबर है और दो का केवाईसी नहीं हुआ है तो उन दो लोगों के राशन में कटौती की जा रही है उपाध्याय ने बताया कि ठीक वैसे ही 2008 की गरीबी रेखा जनगणना सूची में नाम होने के बाद भी बीपीएल कार्ड धारी के कार्ड को निरस्त किया जा रहा है और हवाला दिया जा रहा है कि अपने लोन लिया है इसलिए गरीबी रेखा सूची से आपका नाम को विलोपित किया जा रहा है। जबकि लोन आदमी जरुरत के लिए लेता है जैसे कि मकान बनाना है, शादी करनी है, व्यापार करना है आदि लेकिन ठीक इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े पदों में आसीन लोगों के व पदाधिकारियों के बीपीएल कार्ड आज भी जीवित है।

 पूर्व संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा कि भाजपा सरकार जनता का हक छीनने वाली सरकार बन चुकी है। जिन लोगों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली जीवन रेखा है, उन्हीं को राशन से वंचित किया जा रहा है। नाम काटने और कार्ड निरस्त करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता का घोर अभाव है। गरीब परिवार दर दर भटक रहे हैं, लेकिन सरकार को उनकी पीड़ा से कोई सरोकार नहीं है।

विकास उपाध्याय ने कहा कि लोगों को अनाज नहीं मिलना शासन की आपराधिक लापरवाही है। यह केवल प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि सामाजिक अन्याय है। भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही जनकल्याण को पीछे धकेल दिया उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी। तत्काल प्रभाव से सभी निरस्त किए गए पात्र बीपीएल कार्ड बहाल किए जाएं, बिना कारण काटे गए नाम जोड़े जाएं और लंबित राशन का वितरण तुरंत सुनिश्चित किया जाए। दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो और जवाबदेही तय की जाए।

विकास उपाध्याय ने स्पष्ट कहा कि अगर सरकार ने शीघ्र सुधार नहीं किया तो कांग्रेस सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी। जनता के हक की रक्षा के लिए कांग्रेस हर मोर्चे पर लड़ेगी और भाजपा सरकार को उसकी जन विरोधी नीतियों का जवाब देना होगा।

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