महासमुंद - पूर्व संसदीय सचिव व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने कहा कि भाजपा की साय सरकार द्वारा सिकासेर परियोजना को उद्योगों को समर्पित किया जा रहा है। क्योंकि गोपाल, मुस्की, कांपा सहित आसपास के ग्रामीणों व किसानों के विरोध के बाद भी करणी कृपा पाॅवर प्लांट द्वारा कृषि महाविद्यालय के समीप स्थित गोपालपुर एनीकेट से प्लांट तक पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूरा किया जा चुका है। वहीं, एनीकेट के समीप ही प्लांट तक पानी पहुंचाने के लिए इंटेकवेल बनाया जा रहा है। जिसमें मशीन लगाकर एनीकेट का पानी संयंत्र तक पहुंचाया जाएगा। इस एनीकेट में साल भर पानी नहीं रहता। इसे भरने के लिए कोडार बांध से पानी छोड़ना पड़ता है। अब यदि संयंत्र को पानी दिया गया तो कोडार से पानी छोड़कर ही दिया जाएगा।
श्री चंद्राकर ने कहा कि भाजपा सरकार का किसान विरोधी तथा उद्योग समर्पित चेहरा इस कार्य से सामने आ चुका है। क्योंकि, जिस एनीकेट में इंटेकवेल बनाकर मशीन लगाने की तैयारी संयंत्र द्वारा किया जा रहा है, वहां गर्मी के माैसम में तो पानी ही नहीं रहता। उक्त एनीकेट को वन्य जीवों तथा मवेशियों के पेयजल उपलब्ध कराने के साथ ही आसपास के लोगों के निस्तारी के लिए बनाया गया था। उक्त एनीकेट में पानी भी कोडार डेम से ही भरा जाता है। अब यदि इस एनीकेट से संयंत्र को पानी दिया जाता है तो निश्चित ही कोडार का पानी एनीकेट तक पहुंचाया जाएगा। तभी करणीकृपा संयंत्र को पानी की आपूर्ति संभव है, अन्यथा संयंत्र द्वारा सूखे एनीकेट के पास इंटेकवेल तथा पाइप लाइन क्यों बिछाया जाता। मतलब साफ है, प्रत्यक्ष रूप से कोडार का पानी ना ले जाकर गोपालपुर एनीकेट के माध्यम से करणी कृपा तक पहुँचाया जाएगा।
श्री चंद्राकर ने कहा कि जल संसाधन विभाग का दायित्व जब मंत्री के केदार कश्यप के पास था तब उन्होंने पत्र प्रेषित कर गोपालपुर एनीकेट से उक्त प्लांट को पानी नहीं दिये जाने की मांग करते हुए तत्काल स्वीकृति निरस्त करने की मांग की थी। लेकिन, कार्पोरेट समर्थित सरकार ने इस पर विचार ना कर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब किसानों के हिस्से का पानी को चोरी-छिपे करणी कृपा पावर प्लांट को बेच रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिकासेर जलाशय से महासमुंद के कोडार बांध तक पानी लाने का उद्देश्य किसानों को पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराना था। लेकिन इस सरकार ने योजना में काफी परिवर्तन कर अंडर ग्राउंड पाइप लाइन से पानी लाने की योजना बनाई है। ताकि, उक्त पानी किसानों काे ना देकर केवल उद्योगों को दिया जा सके।

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