महासमुंद - पूर्व संसदीय सचिव छ.ग. शासन व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने भाजपा की साय सरकार द्वारा छग के वनों की अंधाधुंध कटाई व बेहिसाब खनिज संपदा के दोहन पर कहा कि छग की विष्णुदेव सरकार अदानी के संरक्षक व राजस्थान सरकार के पोषक की तरह काम कर रही है। स्थानीय निवासियों के हितों से इस सरकार को कोई सरोकार नहीं दिख रहा है।
श्री चंद्राकर ने कहा कि पूर्ववर्ती भूपेश सरकार द्वारा 400 यूनिट खपत तक बिजली बिल हाफ योजना को भाजपा की साय सरकार द्वारा समाप्त किए जाने के सवालों पर मुख्यमंत्री कहते थे कि प्रदेश को हाफ बिजली बिल योजना से अलग मुफ्त बिजली की दिशा में प्रदेश सरकार कार्य कर रही है। सरकार के मंत्री यह कहते नहीं थकते थे कि पीएम सूर्य घर योजना के तहत प्रदेश वासियों को साैर ऊर्जा के माध्यम से मुफ्त बिजली यूनिट लगाने के लिए सरकार अनुदान दे रहा है, तथा मुफ्त बिजली उत्पादन कर जनता अपने घर की जरूरत के हिसाब बिजली का उपयोग कर सकेंगे तथा अतिरिक्त बिजली को बेचकर आय प्राप्त कर सकेंगे। इससे सरकारी बिजली पर निर्भरता खत्म होगी तथा एक दिन पूरे प्रदेश में साैर ऊर्जा से संचालित बिजली यूनिट के माध्यम से लोग अपने घरों को राेशन कर सकेंगे।
श्री चंद्राकर ने सवाल किया कि यदि छत्तीसगढ़ की साय सरकार छग के बिजली उपभोक्ताओं को प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के माध्यम विद्युत उत्पादन कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रही है तो राजस्थान की भाजपा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी योजना पीएम सूर्य घर योजना के तहत वहां के नागरिकों को इसके लिए प्रेरित क्यों नहीं कर रही। क्या केवल छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री के सारे मंसूबों पर कार्य किया जा रहा है? आैर यदि राजस्थान में भी पीएम सूर्यघर योजना के तहत कार्य हो रहे हैं तो छत्तीसगढ़ के हरे-भरे जंगलों, देवस्थलों के वनों की अंधाधूंध कटाई क्यों किया जा रहा है। क्योंकि, राजस्थान को जितने कोयले की आवश्यकता है, उसकी पूर्ति पी.ई.के.बी. से पूरी हो रही। नए खदान की जरूरत नहीं थी। 2022 में कांग्रेस सरकार ने केंद्र को पत्र लिख कर परसा कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द करने की मांग की थी। कांग्रेस सरकार के रहते 16 जुलाई 2023 को सुप्रीम कोर्ट में भी शपथ पत्र दाखिल कर परसा या केते एक्सटेंशन या किसी अन्य खदान की आवश्यकता को गलत बताया गया था। इसके बाद भी परसा कोल ब्लॉक में खनन को प्रारंभ कराया गया। जो केवल अदानी को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया। जबकि, राजस्थान को इसकी कोई आवश्यकता नहीं। कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक के लिए जनसुनवाई नहीं होने दिया था। लेकिन, यह प्रदेश का दुर्भाग्य है कि भाजपा की सरकार ने 6 माह पूर्व केते एक्सटेंशन में 1760 हेक्टेयर में से 99 प्रतिशत क्षेत्र घने जंगल को काटने की अनुमति दे दी। यह पूरा का पूरा क्षेत्र हसदेव बांगो का जल ग्रहण क्षेत्र है और इसमें 8 लाख से अधिक पेड़ थे। ऐसे महत्वपूर्ण जलग्रहण क्षेत्र को नष्ट करके कोयले का उत्पादन किया गया। देश के विभिन्न राज्यों में ऐसे सैकड़ों कोल ब्लॉक मौजूद है जहां बिना घना जंगल काटे प्रचुर मात्रा में कोयला उपलब्ध है।
श्री चंद्राकर ने कहा कि भाजपा सरकार के अडानी प्रेम के चलते छत्तीसगढ़ का हसदेव सरकार के 3 साल के कार्यकाल में पूरी तरह नष्ट हो जाएगा। हसदेव के बाद अडानी की नजर रायगढ़ के तमनार, बस्तर क्षेत्र, बीजापुर, कांकेर, दंतेवाड़ा के जंगलों पर है। केंद्रीय गृह मंत्री शाह का आगमन भी इसी उद्देश्य से हो रहा है कि अडानी के लिए जंगलों में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त कर सकें।

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