दुर्ग - छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री बदरुद्दीन कुरैशी ने कहा की , भारत की राजनीतिक, सामाजिक और लोकतांत्रिक चेतना को दिशा देने वाली देश की सबसे प्राचीन राजनीतिक संस्था भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आज 28 दिसंबर 2025 को अपना 140 वां स्थापना दिवस मना रही है । यह दिन केवल एक राजनीतिक दल के जन्म का नहीं , बल्कि आधुनिक भारत के निर्माण की उसे ऐतिहासिक प्रक्रिया का प्रतीक है, जिसने गुलामी की बेड़ियों में जकड़े देश को स्वतंत्रता, लोकतंत्र और संविधान का मार्ग दिखाया । भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को मुंबई में हुई थी । संविधान इसके संस्थापक ए.ओ. हुमायूं थे , जिन्होंने दादाभाई नौरोजी, फिरोज शाह मेहता, जैसे दूरदर्शी भारतीय नेताओं के सहयोग से एक ऐसे मंच की रचना की , जहां देश के विभिन्न वर्ग, धर्म, समुदाय और क्षेत्र के लोग एक साथ आकर अपने अधिकारों और स्वराज की बात कर सके प्रारंभ में यह संस्था संवाद और सुधार की भावना से आगे बढ़ी, किंतु समय के साथ यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम की धूरी बन गई ।
20 वीं सदी के आरंभ से ही कांग्रेस ने जन आंदोलन के माध्यम से ब्रिटिश शासन को चुनौती दी । महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन ने स्वतंत्रता संग्राम को जन-जन का आंदोलन बना दिया । पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आधुनिक, वैज्ञानिक और प्रगतिशील भारत की कल्पना को साकार करने की दिशा दी वही सरदार वल्लभभाई पटेल ने देशी रियासतों को एकीकरण कर भारत की अखंडता को मजबूत किया । सुभाष चंद्र बोस, डॉ राजेंद्र प्रसाद, खान अब्दुल गफ्फार खान, जयप्रकाश नारायण जैसे असंख्य नेताओं ने कांग्रेस के माध्यम से देश के लिए त्याग और बलिदान की मिसाल कायम की ।
15 अगस्त 1947 को देश को स्वतंत्रता मिली, और इसके बाद भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राष्ट्र निर्माण में ऐतिहासिक भूमिका निभाई । संविधान सभा के गठन से लेकर भारतीय संविधान के निर्माण, लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थापना, पंचायती राज व्यवस्था, सार्वजनिक क्षेत्र के विकास, शिक्षा, विज्ञान और तकनीक के विस्तार तक कांग्रेस ने आधुनिक भारत की नींव रखी । सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता, राष्ट्रीय एकता और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कांग्रेस की नीतियां देश की आत्मा से जुड़ी रही । आज, जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपनी स्थापना के 140 वर्ष पूर्ण कर चुकी है, यह अवसर अतीत के गौरव को स्मरण करने के साथ-साथ वर्तमान चुनौतियों पर चिंतन करने और भविष्य के लिए संकल्प लेने का है l लोकतंत्र, संविधान और सामाजिक सद्भाव की रक्षा के लिए कांग्रेस की ऐतिहासिक भूमिका देश के राजनीतिक इतिहास में सदैव स्मरणीय रहेगी । यह स्थापना दिवस देशवासियों को संघर्ष, त्याग, हमारे बुजुर्गों ने देश के लिए कुर्बानी दी और राष्ट्र सेवा की उस परंपरा की याद दिलाता है, जिसने भारत को एक सशक्त, लोकतांत्रिक, संविधान और बहुलतावादी राष्ट्र बनाया ।

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