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वंदे मातरम गीत की रचना के 150 वर्ष पूर्ण होने पर भाजपा करेगी सामुहिक गायन सहित अनेकों आयोजन .

दुर्ग - 1875 में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित वंदे मातरम गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पूरे देश में उत्सव मनाने का निर्णय लिया है। 7 नवंबर को पूरे देश में 150 स्थानों पर सामूहिक गायन का वृहद कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसी कड़ी में दुर्ग में भी आयोजन रखा गया है। 

कार्यक्रम की तैयारी को लेकर दुर्ग जिला भाजपा कार्यालय में आवश्यक बैठक आहूत की गई। दुर्ग संभाग मुख्यालय में सामूहिक गायन के आयोजन को लेकर रूपरेखा बनाई गई।

भाजपा प्रदेश मंत्री जितेन्द्र वर्मा बताया कि वंदे मातरम गीत राष्ट्रवाद और एकता का सशक्त माध्यम है, जन जन में ऊर्जा का संचार करने वाला और राष्ट्रीय भावना का प्रेरक प्रभाव डालने वाले इस गीत की स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलनों में एक प्रमुख भूमिका रही है, आज भी यह गीत देश की हर नागरिक के लिए प्रेरणापुंज है। 

जिला भाजपा महामंत्री दिलीप साहू ने कार्यक्रम का रूपरेखा के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि 7 नवंबर को राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर दुर्ग जिला मुख्यालय में पुराना बस स्टैंड दुर्ग में शाम 3:00 बजे सामूहिक रूप से वंदे मातरम गीत का गायन कार्यक्रम रखा गया है। जिसमें दुर्ग शहर के समस्त नागरिकों को आमंत्रित किया गया है, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्री राम विचार नेताम और प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष रंजना साहू होंगे। कार्यक्रम में लोक कलाकार आरु साहू की सांस्कृतिक टीम की प्रस्तुति भी होगी। दुर्ग शहर के तमाम नागरिक कार्यक्रम स्थल पर सामूहिक गायन करेंगे, इस अवसर पर जिले के तमाम वरिष्ठ नेता, समाजसेवी, व्यापारिक संगठन, युवा, महिला, विभिन्न समाज के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहेंगे। 

महापौर अलका बाघमार ने कहा कि 7 नवंबर को आयोजित सामूहिक वंदे मातरम गीत आयोजन के लिए समाज के हर वर्ग को आमंत्रण है। राष्ट्रभक्ति से ओत प्रोत यह गीत लाखों शहीदों की वंदना का गीत है। 

आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक ने कहां की यह गीत 1875 में श्री बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचा गया था " वंदे मातरम " का अर्थ है  मां मैं तुम्हें नमन करता हूं वंदे मातरम का प्रसिद्ध वाचन वर्ष 1896 में रवींद्रनाथ टैगोर के द्वारा किया गया था भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने वर्ष 1950 में वंदे मातरम को राष्ट्रगीत का दर्जा प्रदान किया | देश भर में विभाजन के विरोध में आंदोलन के दौरान यह  गीत राष्ट्रवाद, एकता और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध प्रतिरोध का सशक्त प्रबंध गया इसकी प्रबल राष्ट्रीय भावना और प्रेरक प्रभाव के कारण ब्रिटिश सरकार ने इस नारे के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था वंदे मातरम स्वदेशी आंदोलन का प्रमुख नारा बना और बाल गंगाधर तिलक लाला लाजपत राय और भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों का प्रेरणा स्रोत रहा|

भाजपा नेता राजेन्द्र कुमार पाध्ये ने कहा कि“वंदे मातरम” आज भी भारत की एकता, शक्ति और मातृभूमि के प्रति प्रेम का प्रतीक है। यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय चेतना जागृत करने वाला मंत्र है।

दुर्ग जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेन्द्र कौशिक, भिलाई जिला भाजपा अध्यक्ष पुरुषोत्तम देवांगन, निगम सभापति श्याम शर्मा जिला उपाध्यक्ष शिवेंद्र परिहार मंचस्थ रहे। बैठक का संचालन जिला महामंत्री दिलीप साहू ने किया एवं आभार प्रदर्शन जिला महामंत्री विनोद अरोरा ने किया।आयोजित बैठक में जिला उपाध्यक्ष सरिता मिश्रा राजीव पांडेय  मंत्री गायत्री वर्मा, गिरेश साहू, शैलेंद्र शैंडे, सह कोषाध्यक्ष ध्रुव सचदेव कार्यालय मंत्री सैयद आसिफ अली सह कार्यालय मंत्री राहुल पंडित प्रवक्ता दिनेश देवांगन मीडिया प्रभारी राजा महोबिया, सोशल मीडिया प्रभारी रजनीश श्रीवास्तव, आईटी सेल जिला संयोजक जितेंद्र सिंह राजपूत, मंडल भाजपा अध्यक्ष महेंद्र अरोरा, कमलेश  फेकर, बंटी चौहान, कौशल साहू, मनमोहन शर्मा, अनुपम साहू, राजू जंघेल, मंडल महामंत्री भुपेंद्र साहू, रितेश शर्मा ,जय श्री राजपूत सुमन वर्मा उमेश गिरी ताम्रध्वज साहू राजू साहू भूपेंद्र साहू एमआईसी सदस्य नीलेश अग्रवाल शेखर चंद्राकर काशीराम कोसरे शिव नायक मनीष साहू उपस्थित रहे |

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