महासमुंद - ग्राम पंचायत बांसकुड़ा के सचिव जगदीश ध्रुव को शासन ने अपने पदीय दायित्वों में लापरवाही और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने के गंभीर आरोपों के आधार पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई से पूरे पंचायत क्षेत्र में हलचल मच गई है और ग्रामीणों के बीच इस निर्णय की जोरदार चर्चा है।
पंचायत में 'उदासीनता' बनी भारी - प्रशासन सख्त
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद हेमंत नंदनवार द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सचिव जगदीश ध्रुव ने अपने पद की जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लिया। वे ग्राम पंचायत कार्यालय में नियमित रूप से उपस्थिति नहीं दे रहे थे, साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों के फोन कॉल और आदेशों का भी कोई जवाब नहीं दे रहे थे।
ग्राम पंचायत बांसकुड़ा को आदिकर्मयोगी पंचायत के रूप में जाना जाता है, जहां शासन की अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन प्राथमिकता में होता है। लेकिन सचिव की लापरवाही के कारण महत्वपूर्ण योजनाएं प्रभावित हुईं, जिससे ग्रामीण कार्य ठप होने लगे थे।
कारण बताओ नोटिस का भी नहीं दिया जवाब !
प्रशासन ने जगदीश ध्रुव को पहले कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर अपना पक्ष रखने का अवसर दिया था। लेकिन उन्होंने समय सीमा बीत जाने के बाद भी कोई उत्तर प्रस्तुत नहीं किया। इसे शासन ने गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा आचरण नियम 1998 का उल्लंघन माना और निलंबन का बड़ा निर्णय लिया।
अब जिला पंचायत रहेगा मुख्यालय !
निलंबन अवधि में जगदीश ध्रुव का मुख्यालय कार्यालय जिला पंचायत महासमुंद निर्धारित किया गया है। उन्हें नियमों के तहत केवल जीवन निर्वाह भत्ता ही दिया जाएगा। आदेश के साथ ही प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि शासन की योजनाओं और जनता से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
किशोर कुमार ध्रुव को मिला अतिरिक्त प्रभार !
प्रशासन ने बांसकुड़ा पंचायत की व्यवस्था को बिगड़ने से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाते हुए ग्राम पंचायत छपोराडीह के सचिव श्री किशोर कुमार ध्रुव को बांसकुड़ा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। किशोर कुमार ध्रुव को निर्देशित किया गया है कि पंचायत के सभी लंबित कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण करें और योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करें।
गांव में चर्चाओं का दौर तेज !
इस निलंबन आदेश के बाद बांसकुड़ा गांव में चर्चाओं का दौर गर्म हो गया है। कई ग्रामीणों ने राहत की सांस लेते हुए कहा कि “अब पंचायत के कामकाज में तेजी आएगी।" वहीं कुछ लोगों ने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई से अन्य पंचायत सचिवों को भी चेतावनी का संदेश जाएगा।
*प्रशासन की सख्त मंशा - 'काम में कोताही नहीं चलेगी'!* मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने आदेश में यह भी दोहराया कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाना सचिवों की जिम्मेदारी है। किसी भी प्रकार की ढिलाई या आदेशों की अवहेलना पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा- "जनता के काम में देरी बर्दाश्त नहीं। पंचायतें शासन की पहली इकाई हैं, और वहां जिम्मेदार पदों पर तैनात कर्मियों को जवाबदेह बनना ही होगा।"
निलंबन बना नजीर अब सतर्क अन्य पंचायत सचिव भी!
बांसकुड़ा पंचायत सचिव पर हुई कार्रवाई अब जिले के अन्य पंचायत सचिवों के लिए भी एक बड़ी नजीर मानी जा रही है। प्रशासन के इस कदम ने साफ कर दिया है कि शासन की नीतियों और योजनाओं में लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।
ग्रामीण बोले – 'कामकाज में सुधार की उम्मीद
ग्रामवासियों का कहना है कि सचिव की अनुपस्थिति से कई काम महीनों से लंबित पड़े थे जैसे शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति और मनरेगा के कार्य। नए प्रभार के बाद ग्रामीणों को उम्मीद है कि अब कामकाज में सुधार होगा और योजनाएं पटरी पर लौटेंगी।
इस कार्रवाई से प्रशासनिक हलकों में भी हलचल मच गई है। सूत्रों के अनुसार, जिला प्रशासन जल्द ही अन्य पंचायतों के कामकाज की समीक्षा करने की तैयारी में है। देर से उपस्थिति, अनुपस्थिति या योजनाओं में ढिलाई बरतने वाले कर्मचारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
ग्राम पंचायत बांसकुड़ा के सचिव जगदीश ध्रुव का निलंबन सिर्फ एक कार्रवाई नहीं, बल्कि यह प्रशासन की सख्त मंशा और जनहित के प्रति गंभीरता का संदेश है। अब नजरें इस बात पर टिकी हैं कि नया सचिव किस तेजी से कामकाज को पटरी पर लाता है।
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