महासमुंद - ग्राम पंचायत प्रेतनडीह में सचिव की मनमानी से पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण परेशान हैं। सरपंच और पंचों सचिव मुक्ता भोई पर पंचायत के सभी कामों में 40 प्रतिशत कमीशन मांगने और घूस नहीं देने पर भुगतान रोकने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
सरपंच दीपक ने बताया कि 2 अक्टूबर को ग्राम सभा के उपरांत आयोजित पंचायत बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें एक बोर खनन कार्य के 85 हजार रुपए के भुगतान का भी प्रस्ताव शामिल था। सचिव ने प्रस्ताव तैयार कर सर्वसम्मति से पारित कराया। लेकिन कुछ देर बाद सचिव के पति पंचायत भवन पहुंचे और बिल व प्रस्ताव की फोटो खींचकर पूर्व सरपंच को भेज दी। इसके बाद सचिव ने भुगतान से इंकार कर दिया।
आरोप है कि सचिव और उनके पति ने सरपंच से 20 हजार रुपए घूस की मांग की, 10 हजार एडवांस और बाकी भुगतान के बाद देने को कहा गया। घूस नहीं देने पर भुगतान रोक दिया गया। सरपंच ने बताया कि इससे पहले भी मार्च 2025 में सचिव पर फर्जी बिल और घूसखोरी की शिकायत जनपद पंचायत सीईओ से की -गई थी, लेकिन जांच आज तक अधूरी है।
एच और ग्रामीणों का कहना है कि सचिव पंचायत भवन में नियमित नहीं आतीं। उनका घर पंचायत से लगभग 25 किमी दूर है। वे सिर्फ बैठकों में आती हैं, जबकि बाकी समय ग्रामीणों को हस्ताक्षर या प्रमाण पत्र के लिए उनके घर जाना पड़ता है। आरोप है कि मृत्यु, जन्म प्रमाण पत्र या राशन कार्ड में नाम जोड़ने के लिए वह 200 से 500 रुपए तक वसूलती हैं। इन सभी शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। सरपंच ने बताया कि उन्होंने सचिव को हटाने या स्थानांतरण की मांग जिला पंचायत सीईओ से की है। वहीं, सचिव मुक्ता भोई ने सफाई देते हुए कहा, मैं 2 अक्टूबर को ग्राम सभा में गई थी। मेरे पति साथ जाते हैं क्योंकि मुझे बाइक चलाना नहीं आता। लेन-देन का आरोप मुझे ज्ञात नहीं है। ट्रांसफर को लेकर ग्रामीणों ने आवेदन दिया है, आदेश आने पर पालन करूंगी।
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