Top News

सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन का परिणाम है जमीन की नई गाइड-लाइन -विनोद चंद्राकर

महासमुंद - भाजपा की साय सरकार छत्तीसगढ़ में आर्थिक रूप से कमजोर हो चुकी है, अपने आर्थिक कुप्रबंधन के चलते चुनावी घोषणा पत्र में किए वादे को पूरा नहीं कर पा रही है। इसलिए नई-नई शराब दुकानें खोलकर, प्रदेश की खनिज संपदा को बेचकर तथा तरह-तरह के टैक्स बढ़ाकर जनता पर बोझ थोपने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है। उक्त वक्तव्य सरकार द्वारा जमीनों के नई गाइड-लाईन जारी करने पर पूर्व संसदीय सचिव छ.ग. शासन व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने अचानक जमीनों की सरकारी कीमत 10 से 100 प्रतिशत बढ़ा दिया है। नियमत: देश भर में जमीन की गाइड लाइन दर एक बार में 10 से 15 प्रतिशत ही बढ़ाई जाती है।

श्री चंद्राकर ने कहा कि पहले ही भाजपा की साय सरकार ने कांग्रेस सरकार के समय दिये जाने वाले 30 प्रतिशत छूट को समाप्त कर दिया। वहीं, 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री पर भी रोक लगा दिया गया। सरकार ने निवेश क्षेत्र में कृषि भूमि की रेट की गणना में परिवर्तन किया है, यदि एक किसान को एक एकड़ जमीन बेचना है तो शुरूआत के 15 हजार वर्गफीट तक वर्गफीट के हिसाब से स्टाम्प ड्यूटी देना होगा। तथा उसके बाद की जमीन पर हेक्टेयर के दर से स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी। इससे कृषि जमीने खरीदना महंगा होगा, किसानों की जमीनें बिकना बंद हो जाएगी। 30 लाख की जमीन के लिए 22 लाख स्टाम्प ड्यूटी लगेगी। प्रदेश के कई शहरों के आसपास कुछ जगह ऐसी भी स्थिति बन गयी है कि यदि कोई 1000 फीट जमीन की खरीदी 6 लाख रु. में करता है तो उसे 4 लाख 40 हजार रु. रजिस्ट्री शुल्क चुकाना होगा। कुछ क्षेत्रों में रजिस्ट्री शुल्क और जमीन की कीमत एक बराबर है। ऐसे में गरीब आदमी मकान कैसे बनाएगा। पाई-पाई जोड़कर और कर्ज लेकर जमीन खरीदने वालों को जमीन के साथ रजिस्ट्री शुल्क के लिए भी कर्ज लेना पड़ेगा।

श्री चंद्राकर ने कहा कि सरकार ने 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री पहले ही बंद कर दी है। जिससे छोटे भूखंड बेचने-खरीदने वालों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। वहीं नए नियमों से किसानों की जमीनों की बिक्री भी प्रभावित होगी, खासकर निवेश क्षेत्रों के पास कृषि भूमि की रजिस्ट्री अब बेहद महंगी हो गई है। यह निर्णय प्रदेश के रियल स्टेट सेक्टर की कमर तोड़ देगा, जबकि कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार इसी क्षेत्र में मिलता है। यह आम उपभोक्ताओं और किसानों की जेब काटने जैसा कृत्य है। श्री चंद्राकर ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देने के बजाए रियल स्टेट क्षेत्र में जो लोग कार्य कर रहे हैं, उन्हें भी सरकार बेरोजगार करने पर तुली हुई है। क्योंकि, नई गाइड लाइन से सबसे अधिक प्रभावित रियल स्टेट कारोबार ही होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महतारी वंदन के तहत 1-1 हजार रु. तथा किसानों को अंतर के 700 रु. की राशि की वसूली भाजपा की सरकार भारी मात्रा में शराब बेचकर व जमीन पर टेक्ट बढ़ाकर करना चाहती है।

Post a Comment

और नया पुराने