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छग के खनिज संपदाओं पर भाजपा के उद्योगपति मित्रों की गिद्ध दृष्टि - विनोद चंद्राकर

     

महासमुंद - छत्तीसगढ़ में लगातार भाजपा के केंद्रीय नेताओं के आगमन को लेकर पूर्व संसदीय सचिव छग शासन व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश के हरे भरे जंगल व खनिज संपदा पर इनकी गिद्ध दृष्टि पड़ गई है। अडानी जैसे बड़े व्यापारियों के लिए राज्य के समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है। भाजपा के विकास का प्रमुख मॉडल खनिजों, ज़मीन और पानी के बेलगाम निजी दोहन है। छत्तीसगढ़ में 28 खनिजों के भंडार हैं,  जिनमें  52 बिलियन टन से अधिक कोयला (भारत के भंडार का 18%), 2.7 बिलियन टन उच्च गुणवत्ता वाला लौह अयस्क (भारत के भंडार का 19%), और भारत के 37% से अधिक टिन अयस्क भंडार शामिल हैं, इसके अलावा बॉक्साइट, चूना पत्थर, डोलोमाइट, क्वार्टजाइट आदि भी हैं। इन बेशकीमती खनिज संपदा पर अडानी जैसे उद्योगपति भाजपा के सहयोग से कब्जा जमा रहे हैं। आज हालत यह हो गया है कि  ज़मीन के नीचे मौजूद खनिजों के समृद्ध भंडार तक पहुँचने के लिए आदिवासियों को उनके ज़मीन से जबरन विस्थापित किए जा रहे हैं। विरोध करने वाले आदिवासियों के साथ बर्बरता पूर्वक कार्रवाई भी की जा रही है। भाजपा की साय सरकार निजी संस्थाओं को खुश करने के लिए असहाय ग्रामीणों की ज़मीन हड़पने हेतु सभी नियम-कानून तोड़ रहे हैं। 

श्री चंद्राकर ने कहा कि बस्तर के खनिज पर गिद्ध दृष्टि डालने वाली भाजपा की सरकार में बस्तर और बस्तर वासियों का शोषण शुरू हो गया है। बस्तर के आम आदमी के रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी आवश्यकताओं पर कोई काम नहीं हो रहा। बस्तर सहित पूरे प्रदेश के गरीब व मध्यम वर्ग की उत्थान के लिए कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने 5 साल में जो योजनाएं बनाई थी, भाजपा की सरकार ने उन तमाम योजनाओं को बंद कर दिया।

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